दोस्तों इस लेख में चित्र वर्णन संस्कृत में (Chitra Varnan In Sanskrit With Pictures And Answers) करना सीखेंगे | अक्सर कक्षा 6 से लेकर 10 तक की परीक्षाओं में संस्कृत में चित्र वर्णन पूछा जाता है जो कि कम से कम पांच अंक का होता है इसलिए आपको संस्कृत में चित्र वर्णन कैसे करें ? यह पता होना चाहिए |
इस लेख को पढ़ने के बाद आप चित्र वर्णन संस्कृत भाषा में (Chitra Varnan In Sanskrit) करना सीख जाएंगे क्योंकि यहां पर हम संस्कृत में चित्र वर्णन उदाहरणो के साथ करना सीखेंगे जिससे कि आपकी अच्छी प्रैक्टिस हो जाएगी तथा चित्र वर्णन क्या होता है, संस्कृत में चित्र वर्णन कैसे करें, चित्र को संस्कृत में क्या कहते हैं, चित्र वर्णन संस्कृत में Class 5, चित्र वर्णन संस्कृत में Class 7, चित्र वर्णन संस्कृत में Class 9, Chitra Varnan In Sanskrit 8 एवं Chitra Varnan Class 10 इस प्रकार के सभी प्रश्नों के जवाब आपके यहां पर मिल जाएंगे इसलिए आपको इस लेख को कंप्लीट पढ़ना है इसके अलावा आपको अन्य टॉपिक पढ़ना है तो आप इसी वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं |
चित्र वर्णन संस्कृत में | Chitra Varnan In Sanskrit With Pictures And Answers
चित्र वर्णन संस्कृत में (Chitra Varnan In Sanskrit) करते समय किन-किन बिंदुओं को ध्यान रखना चाहिए यह जानना भी आपके लिए अत्यंत आवश्यक है जिससे कि आप सही तरीके से संस्कृत में चित्र वर्णन कर सकें इसलिए इस लेख में हमने चित्र वर्णन को लेकर कंप्लीट जानकारी दी हुई है जिससे कि आपको चित्र वर्णन से किसी भी प्रकार का डाउट ना रहे |
चित्र वर्णन क्या होता है ? संस्कृत में चित्र वर्णन कैसे करें ?
किसी चित्र को देखकर उसके बारे में संक्षिप्त सार या वर्णन आसान शब्दों में करना ही चित्र वर्णन कहलाता है। संस्कृत में चित्र वर्णन चित्र को देखकर संस्कृत भाषा में करना होता है लेकिन आपको चित्र वर्णन करते समय कुछ मुख्य बिंदुओं को ध्यान में रखना होता है जो कि नीचे बताए हुए हैं |संस्कृत में चित्र वर्णन करते समय क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए ?
1.सबसे पहला वाक्य उस स्थान का बनाए जिस पर वह चित्र आधारित है जैसे कि- जंगल, घर , खेल का मैदान, उद्यान , विद्यालय आदि |
2. चित्र में जो वस्तुएँ दिखाई दें, उन्ही का वर्णन करें ।
3. चित्र वर्णन छोटे-छोटे वाक्यो में करना चाहिए जिससे कि देखने में सुंदर एवं समझने में आसानी हो |
4. चित्र वर्णन सहज एवं सरल भाषा में करना चाहिए |
5. मंजूषा का उपयोग करके वाक्य का निर्माण करने की कोशिश करें। मंजूषा वे शब्द होते है जो चित्र के साथ आपकी सहायता के लिए दिए जाते है।
6. केवल वही वस्तुएँ चुनें जिनका नाम आपको संस्कृत में पता हो।
7. सभी वाक्य चित्र से ही सम्बद्ध होने चाहिए। असम्बद्ध वाक्य बिल्कुल भी न लिखें।
8. वाक्य छोटे, सरल तथा स्पष्ट होने चाहिए। भाषा की शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
9. मंजूषा के सभी शब्दों का प्रयोग आवश्यक नहीं है। जितने वाक्य बनाने के लिए कहा जाए, उतने ही वाक्य बनाएँ, अधिक नहीं।
10. 8. वाक्य में यदि एक वस्तु के बारे में वाक्य बनाएँ तो “अस्ति” क्रिया लगाएँ, अस्ति का अर्थ होता है- “है”, और यदि वाक्य में बहुत सारी वस्तुओं के बारे में वाक्य बनाएँ तो “सन्ति” क्रिया का प्रयोग करें, सन्ति का अर्थ है- “हैं” । जैसे-
(क) चित्रे एक: बालकः अस्ति ।
चित्र में एक बालक है ।
(ख) चित्रे दश बालकाः सन्ति ।
चित्र में दस बालक हैं ।
चित्र वर्णन संस्कृत में | Chitra Varnan In Sanskrit With Pictures And Answers
चित्र वर्णन 1
( मंजूषा :- सरोवरः, कमलानि. पुष्पाणि, जलम्, वृक्षः, खगाः कूजन्ति, विकसन्ति, मनोरमम्, बकाः. वर्तकाः, तरन्ति )
(i) अस्मिन् चित्रे एकः सरोवरः अस्ति।
इस चित्र में एक झील है।
(ii) सरोवरे कमलानि अन्यानि च पुष्पाणि विकसन्ति।
झील में कमल और अन्य फूल उगते हैं।
(iii) जले बकाः वर्तकाः च तरन्ति।
बत्तख और कछुए पानी में तैर रहै हैं।
(iv) वृक्षे खगाः मधुरं कूजन्ति।
पेड़ पर पक्षी मधुर चहचहा रहे हैं।
(v) सरोवरस्य वातावरणं मनोहरम् अस्ति।
झील का वातावरण सुखद है।ggg
चित्र वर्णन 2
( मंजूषा :- चिकित्सालयस्य, चिकित्सकः, रोगिणः, कर्मचारिणः कार्याणि, औषधानि, रोगेभ्यः )
1. एतत् एकस्य चिकित्सालयस्य चित्रं वर्तते।
यह एक अस्पताल का चित्र है.
2. चिकित्सालये अनेके रोगिणः आगच्छन्ति।
अस्पताल में बहुत सारे मरीज़ आते हैं.
3. अत्र चिकित्सकः रोगिणः परीक्ष्य औषधानि यच्छति।
यहां डॉक्टर मरीजों की जांच करते हैं और दवाइयां देते हैं।
4. औषधानि निषेव्य जनाः रोगेभ्यः मुक्ताः भवन्ति।
औषधियों के सेवन से लोग रोगों से मुक्त हो जाते हैं।
5. अत्र अन्ये अपि कर्मचारिणः सन्ति।
यहां अन्य कर्मचारी भी हैं.
6. अन्ये कर्मचारिणः अन्यानि कार्याणि कुर्वन्ति।
अन्य कर्मचारी अन्य कार्य करते हैं।
चित्र वर्णन 3
( मंजूषा :- वृक्षाः , क्रीडनकैः , झूले , उद्यानस्य , बालकाः )
1. इदं चित्रं उद्यानस्य अस्ति |
यह चित्र एक बगीचे का है |
2. अस्मिन् चित्रे बालकाः सन्ति।
इस चित्र में बच्चे हैं |
3. चित्रे बहवः वृक्षाः सन्ति।
चित्र में बहुत पेड़ हैं |
4. चित्रे बालकाः क्रीडनकैः क्रीडन्ति।
चित्र में बच्चे खिलौनों से खेल रहे हैं |
5. अस्मिन् चित्रे बालकाः झूले उपविष्टाः सन्ति।
इस चित्र में बच्चे झूले पर बैठे हुए हैं |
चित्र वर्णन 4
( मंजूषा :- धावन्ति, प्रसन्नाः, सन्ति, हस्तौ, मेलयित्वा, कन्या, वेशभूषां, धारयन्ति, अस्ति, हसन्ति )
(1) इदं चित्रम् कस्यचित् आपणस्य अस्ति।
यह चित्र किसी बाज़ार का है।
(2) बालकाः स्वमित्रैः सह मेलयित्वा प्रसन्नाः भवन्ति।
बालक अपने मित्रों के साथ मिलकर प्रसन्न हो रहे हैं।
(3) सर्वे जनाः सुन्दरवेशभूषां धारयन्ति।
सभी लोगों ने सुन्दर वस्त्र पहन रखे हैं।
(4) जनाः इतस्ततः धावन्ति।
लोग इधर-उधर दौड़ रहे हैं।
(5) एका महिला वस्त्रं पश्यति।
एक महिला वस्त्र देख रही है।
चित्र वर्णन संस्कृत में | Chitra Varnan In Sanskrit With Pictures And Answers
निष्कर्ष:-
दोस्तों हमने ऊपर की लेख में Chitra Varnan In Sanskrit With Pictures And Answers देख लिया है जिसके अंतर्गत हमने चित्र वर्णन क्या होता है, चित्र वर्णन संस्कृत में कैसे किया जाता है एवं संस्कृत में चित्र वर्णन करते समय क्या-क्या सावधानियां रखनी होती है इन सारे बिंदुओं पर हम बात कर चुके हैं |
यदि आपको संस्कृत में चित्र वर्णन (Chitra Varnan Sanskrit Mein) से संबंधित कोई समस्या आ रही है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बताएं और यदि आपको चित्र वर्णन संस्कृत में लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा शेयर करें इसके अलावा यदि आपको संस्कृत में अन्य टॉपिक पढ़ना है तो आप हमारी सी वेबसाइट पारस फ्री एजुकेशन पर पढ़ सकते हैं |
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